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Monday, April 5, 2021

केरल से लद्दाख की पैदल यात्रा : दो युवक अनुभव करना चाहते हैं कैसा होता है मोटर वाहन के बिना जीवन - News18 हिंदी

Kerala To Ladakh Journey: 19 मार्च 2021 को ये दोनों दोस्त कोंडोट्टी से अपनी यात्रा पर रवाना हुए और पहले 13 दिनों में 500 किलोमीटर की दूरी तय की.

Source: News18Hindi Last updated on: April 5, 2021, 6:13 PM IST

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कारवार/सौम्या कलसा. “सदियों पहले जब दुनिया में कोई वाहन नहीं था, लोग एक जगह से दूसरे जगह की पैदल ही सफल यात्रा करते थे. हम यह जानना चाहते हैं कि सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने का उनका यह अनुभव कैसा होता था और यही सोचकर हमने इस साहसिक यात्रा का प्लान बनाया है,” यह कहना था 20 वर्ष के दिलशाद का. वह अपने एक दोस्त 23 वर्ष के मंसूर बिलाल के साथ तीन महीने और 15 दिनों की केरल से लद्दाख यात्रा पर पैदल रवाना हुआ है.

ये दोनों ही युवा कोंडोट्टी के रहनेवाले हैं जो केरल के मलप्पुरम ज़िले का एक शहर है. दिलशाद कोंडोट्टी में चाय की एक दुकान पर काम करता है, जबकि मंसूर बिलाल अरब अमीरात में काम करता था और कोविड महामारी के कारण केरल वापस आ गया और फिर कभी वापस उस देश नहीं गया. इन दोनों की दोस्ती काफ़ी पुरानी है. जब दिलशाद ने चाय की दुकान के अपने मालिक को अपनी यात्रा के बारे में एक महीने पहले बताया और कहा कि वह इस वजह से नौकरी छोड़ने जा रहा है, तो उसके नियोक्ता (दुकान का मालिक) ने उसे पागल कहा. यहाँ तक कि इन दोनों युवकों के परिवार के सदस्यों ने भी इनको ऐसा करने के लिए उत्साहित नहीं किया, पर इन दोनों दोस्तों ने अपने मन में इरादा कर लिया था और इसलिए वे अपनी मंज़िल की ओर चल पड़े.

19 मार्च 2021 को ये दोनों दोस्त कोंडोट्टी से अपनी यात्रा पर रवाना हुए और पहले 13 दिनों में 500 किलोमीटर की दूरी तय की. अब ये लोग कर्नाटक पहुँच गए हैं और कारवार होते हुए गोवा की ओर जा रहे हैं. दिलशाद ने बताया, “हम हर दिन 4 बजे सुबह अपनी यात्रा शुरू करते हैं और शाम के 9 बजे तक चलते हैं. इस बीच हम खाने के लिए रुकते हैं. कई बार जब धूप बर्दाश्त के बाहर होता है, हम आराम करते हैं. हम आसानी से हर दिन 45 से 50 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं.”

उन्होंने बताया, “हम रास्ते में आनेवाले किसी गाँव या शहर में अपनी रात बिताते हैं. अभी तक हमें कोई दिक्कत नहीं हुई है. हम सड़कों के किनारे बने होटलों में खाना खाते हैं और धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करते हैं.” इन दोनों को पूरा भरोसा है कि वे जून 2021 तक लद्दाख पहुंच जाएंगे.

ये लोग “रेस ट्रैक” नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं जहां पर वे अपनी यात्रा से संबंधित वीडियो डालते हैं. ये लड़के रास्ते में होनेवाले छोटे से छोटे अनुभवों के बारे में भी बताते हैं. दूसरों को भले ही लगे कि ये दोनों सिरफिरे हैं, पर अपनी इस साहसिक यात्रा पर उनके कदम बढ़ते चले जा रहे हैं.

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

इनके यूट्यूब चैनल का लिंक : https://www.youtube.com/channel/UCq1rYIj8prZM1qaE1z7GeUw

First published: April 5, 2021, 6:11 PM IST

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