याचिका में कहा गया है, ''इन दिशा-निर्देशों से छोटे और मध्यम वाहन कबाड़ियों को नुकसान होगा जो पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं।''
दिल्ली के निवासी इंद्रजीत सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया है कि दिल्ली मोटर वाहन कबाड़, 2018 दिशा-निर्देशों को जारी करने से पहले छोटे कारोबारियों से राय नहीं ली गई।
याचिका में यह भी कहा गया है कि दिशा-निर्देश ''असंवैधानिक, मनमाने और अन्यायपूर्ण'' हैं। साथ ही मोटर वाहन अधिनियम के विपरीत हैं क्योंकि इनके तहत केन्द्र को ही वाहन और उनके पुर्जों को रिसाइकल करने के तरीकों को लेकर नियम तय करने की शक्ति दी गई है।
याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि इन दिशा-निर्देशों को अमान्य घोषित किया जाए।
वाहन कबाड़ से संबंधित आप सरकार के दिशा-निर्देशों को उच्च न्यायालय में चुनौती - नवभारत टाइम्स
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