अधिकारियों के आदेश को नहीं माना तो बस का सीजर काट दिया। अब संचालक बस के सीजर से मुक्त होना चाहते हैं लेकिन परिवहन विभाग ने सीजर को कोर्ट भेजा ही नहीं है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं संचालक की परेशानी बढ़ती जा रही है। मामला पिछले साल दिसंबर का है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : अधिकारियों के आदेश को नहीं माना तो बस का सीजर काट दिया। अब संचालक बस के सीजर से मुक्त होना चाहते हैं लेकिन परिवहन विभाग ने सीजर को कोर्ट भेजा ही नहीं है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, संचालक की परेशानी बढ़ती जा रही है। मामला पिछले साल दिसंबर का है। 23 दिसंबर को राजगंज से एक वातानुकुलित बस को जांच के दौरान पकड़ा गया। जांच के दौरान परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179, 188 ए 4 तथा धारा 14 के तहत सीजर काटा। मोटर वाहन अधिनियम के 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेज को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। जिसकी वैद्यता आठ जनवरी 2021 तक थी। लेकिन परिवहन विभाग ने अभी तक सीजर को संबंधित न्यायालय में नहीं भेजा। सीजर को कटे तीन माह से भी अधिक समय हो गया है। वहीं अधिवक्ता विनय कुमार सिंह ने कहा कि चालान कटने के बाद यदि निर्धारित समय पर वाहन स्वामी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं तो नियमानुसार मामले को संबंधित न्यायालय भेज दिया जाता है लेकिन इस मामले में अभी तक परिवहन विभाग ने सीजर न्यायालय नहीं भेजा है। जिससे बस परिचालन में काफी परेशानी हो रही है। वहीं जिला परिवहन पदाधिकारी ओम प्रकाश यादव से इस संबंध में पूछने पर बताया कि वाहन संचालक ने जुर्माना की राशि जमा करने की बात कही थी। जिसको लेकर समय दिया गया था। अब समय समाप्त हो गया है। उसे न्यायालय भेजने की प्रक्रिया कर दी जाएगी।
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तीन माह पहले काटा बस का सीजर अब तक नहीं पहुंचा कोर्ट - दैनिक जागरण
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