Rechercher dans ce blog

Tuesday, May 10, 2022

New Motor Vehicle Act: चप्पल पहनकर चलाते हैं बाइक, तो हो जाइए चालान के लिए तैयार, जुर्माने से बचने के... - TV9 Bharatvarsh

New Motor Vehicle Act: चप्पल पहनकर चलाते हैं बाइक, तो हो जाइए चालान के लिए तैयार, जुर्माने से बचने के लिए करें इन नियमों का पालन
ड्राइविंग के दौरान रखें इन नियमों का ध्यान. (सांकेतिक तस्वीर)

Image Credit source: BCCL

नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कुछ ट्रैफिक नियम ऐसे हैं जिनके बारे में आम लोग बहुत कम जानते हैं. ट्रैफिक नियम पता ना होने की वजह से पुलिस आपका चालान भी कर सकती है. यहां हम आपको ऐसे ही नियमों की जानकारी देंगे, ताकि आप सुरक्षित रह सकें.

Follow Traffic Rules: अक्सर लोग सोचते हैं कि हेलमेट पहनने या ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के साथ वाहन के सभी कागजात रखने से ट्रैफिक चालान से बचा जा सकता है. ऐसे बुनियादी ट्रैफिक नियमों से तो लोग परिचित हैं, लेकिन कुछ नियम ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम अनजाने में तोड़ देते हैं और चालान भरना पड़ता है. वैसे भी सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने (Challan) की राशि में काफी बढ़ोतरी की है. हालांकि, ये सभी नियम और कानून हमारी सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग के लिए आवश्यक हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके. आइए ऐसे ही कुछ ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) के बारे में जानते हैं, ताकि ट्रैफिक चालान की नौबत ना आए.

चप्पल पहनकर टू-व्हीलर चलाना

अगर आप चप्पल, स्लिपर, सैंडल या फ्लोटर पहनकर गियर वाला दोपहिया वाहन चलाते हैं तो आपको ट्रैफिक चालान का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, यह नियम काफी पहले से मौजूद है. लेकिन जागरुकता की कमी से लोग इसका पालन कम करते हैं. ट्रैफिक पुलिस को भी इस मामले में कम सख्ती बरतती हुए देखा जाता है. चप्पल पहनकर दोपहिया वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 1,000 तक का जर्माना भरना पड़ सकता है.

बता दें कि चप्पल पहनकर बाइक चलाने से गियर बदलने में दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा चप्पल में कम ग्रिप होती है, जिससे पैर स्लिप होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए अगली बार जब आप कोई भी दोपहिया वाहन चलाएं तो जूते पहनकर ही चलाएं. आप सुरक्षित भी रहेंगे और नियम का पालन भी होगा.

ड्राइविंग के दौरान फोन चलाना

ट्रैफिक नियमों के तहत ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है. अगर ड्राइविंग के दौरान कोई फोन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो 5,000 रुपए तक का चालान भरना पड़ सकता है. हालांकि, नए नियमों मे यह साफ किया गया है कि केवल नेविगेशन के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है. नेविगेशन के लिए भी फोन को इस तरह इस्तेमाल करना होगा कि ड्राइविंग के दौरान ध्यान ना भटके और किसी तरह की परेशानी ना हो.

दो ड्राइविंग लाइसेंस रखना

अगर ट्रैफिक पुलिस को आपके पास दो ड्राइविंग लाइसेंस मिलते हैं, तो चालान होगा. इसके अलावा दो अलग राज्यों से जारी ड्राइविंग लाइसेंस भी चालान होने के लिए काफी हैं. केंद्रीय सरकार ने 2019 में कहा था कि भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जारी होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का डिजाइन और रंग समान हो. इसलिए अपने पास हमेशा एक ही ड्राइविंग लाइसेंस रखें. अगर ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर होने वाला है तो जल्दी रिन्यू करा लें.

इमरजेंसी वाहनों को रास्ता ना देना

एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है. लेकिन आपातकालीन वाहनों को रास्ता देने से जुड़ा एक अलग नियम मौजूद है. इस नियम का पालन नहीं करने वालों को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. अगर कोई आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देता है या ऐसे वाहनों का रास्ता रोकने में दोषी पाया जाता है, तो 10,000 रुपये तक का जुर्माना और/या छह महीने तक की कैद हो सकती है. इसलिए ऐसे वाहनों को हमेशा रास्ता दें.

ये भी पढ़ें

अनफिट व्यक्ति का ड्राइविंग करना

शारीरिक या मानसिक तौर पर अनफिट व्यक्ति को ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा करता कोई पाया गया तो उसे पहली बार पकड़े जाने पर 1,000 रुपए का जर्माना भरना पड़ेगा. वही व्यक्ति अगर दोबारा ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो 2,000 रुपए जुर्माने के तौर पर भरने पड़ेंगे. इसलिए हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करें. ऐसा करने से आप भी सुरक्षित रहेंगे और दूसरे लोग भी सुरक्षित रहेंगे.

Adblock test (Why?)


New Motor Vehicle Act: चप्पल पहनकर चलाते हैं बाइक, तो हो जाइए चालान के लिए तैयार, जुर्माने से बचने के... - TV9 Bharatvarsh
Read More

Monday, May 9, 2022

एमजी मोटर इंडिया ने लगभग तीन साल में एक लाख वाहन की बिक्री का आंकड़ा पार किया - Navbharat Times

एमजी मोटर इंडिया ने लगभग तीन साल में एक लाख वाहन की बिक्री का आंकड़ा पार किया - MSN

© नवभारत टाइम्स द्वारा प्रदत्त

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) वाहन विनिर्माता कंपनी एमजी मोटर इंडिया ने लगभग तीन साल में देश में कुल एक लाख वाहनों की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एमजी मोटर ने जून, 2019 में हेक्टर एसयूवी की पेशकश के साथ भारत में अपने वाहनों की बिक्री शुरू की थी। वर्तमान में कंपनी के पोर्टफोलियो में इलेक्ट्रिक एसयूवी जेडएस ईवी, प्रीमियम एसयूवी ग्लोस्टर और कॉम्पैक्ट एसयूवी एस्टर शामिल है।

एमजी मोटर इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘‘यह निरंतर नवाचार, अनुभवात्मक ग्राहक सेवा और समुदाय के प्रति समर्पण पर केंद्रित ब्रांड की यात्रा में एक नई उपलब्धि है।’’

एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने कहा, ‘‘स्मार्ट मोबिलिटी समाधानों के माध्यम से भारतीय वाहन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए हमारा समर्पण हर दिन मजबूत होता जा रहा है।’’

वर्तमान में कंपनी के पास गुजरात के हलोल में 80,000 वाहनों की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाली विनिर्माण सुविधा है। यहां लगभग 2,500 कर्मचारी काम करते हैं।

Adblock test (Why?)


एमजी मोटर इंडिया ने लगभग तीन साल में एक लाख वाहन की बिक्री का आंकड़ा पार किया - MSN
Read More

Sunday, May 8, 2022

वाहन चोर गिरोह से चालीस मोटर साइकिलें बरामद - Univarta

[unable to retrieve full-text content]

वाहन चोर गिरोह से चालीस मोटर साइकिलें बरामद  Univarta
वाहन चोर गिरोह से चालीस मोटर साइकिलें बरामद - Univarta
Read More

पशुओं को टक्कर मारकर फरार होने वाले वाहन चालक के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, जानिए- MV Act,1988 - bhopal Samachar

मोटर यान अधिनियम,1988 की धारा 132 किसी भी मोटर वाहन चालक को रोकने के लिए उपनिरीक्षक को निम्न दशाओं में जैसे कि किसी व्यक्ति, पशु, वाहनों को आपस में भिड़त होने पर या किसी भी प्रकार की नुकसानी होने पर चालक को 24 घंटे तक रोकने की शक्ति प्रदान करती है एवं अधिनियम की धारा 133 के अनुसार मोटर वाहन चालक का कर्तव्य है कि दुर्घटना होने पर वाहन मालिक की जानकारी दे। अगर वह स्वंय वाहन का स्वामी हो तो अपनी सम्पूर्ण जानकारी देगा। 

धारा 134 के अनुसार वाहन चालक का कर्त्तव्य हैं कि वह किसी दुर्घटना में व्यक्ति को अगर कोई क्षति होती है तब वह वाहन छोड़कर नहीं भागेगा व्यक्ति को चिकित्सा सहायता दिलवाएगा एवं उसका पूरा सहयोग करेगा अगर कोई मोटर वाहन चालक या स्वयं चालक स्वामी होते हुए उपर्युक्त अधिनियम की धारा 132 (1) की उपधारा (क), धारा 133 एवं धारा 134 का उल्लंघन जानबूझकर कर करता है तब जानिए क्या है दण्ड का प्रावधान।

मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 187 की परिभाषा:-

अगर कोई वाहन चालक या वाहन स्वामी उपर्युक्त धारा  132(1) की उपधारा (क) या धारा 133 या धारा 134 के अंतर्गत बनाए गए किसी भी नियमो का उल्लंघन करता है तब उसे प्रथम बार दोषसिद्ध होने पर छः माह की कारावास या पांच हजार रुपए जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। अगर यही अपराध वह दुवारा करता है तब एक वर्ष की कारावास या दस हजार रुपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

नोट:- वाहन चलाते समय पशु को सामान्य क्षति पहुचाना भी हैं एवं व्यक्ति की संपत्ति का अर्थ है किसी भी प्रकार की संपत्ति की नुकसानी करना जैसे छोटे वाहन को क्षतिग्रस्त करना, रास्ते में बनी किसी भी प्रकार की झोपड़ी या दुकान को क्षतिग्रस्त करना आदि। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

Adblock test (Why?)


पशुओं को टक्कर मारकर फरार होने वाले वाहन चालक के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, जानिए- MV Act,1988 - bhopal Samachar
Read More

Saturday, May 7, 2022

फरमान को ठेंगा दिखा रहे सड़क किनारे खड़े वाहन - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Author: JagranPublish Date: Sat, 07 May 2022 07:31 PM (IST)Updated Date: Sat, 07 May 2022 07:31 PM (IST)

जागरण संवाददाता,पलवल: यदि आप शहर की मुख्य सड़कों और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर गाड़ी चला रहे हो तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यहां पर सड़क किनारे खड़े छोटे-बड़े वाहन हादसे की मुख्य वजह बन सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इसको लेकर प्रशासन सख्त नहीं है।

कुछ दिन पहले एसडीएम वैशाली सिंह ने फरमान जारी किया था कि निजी, कामर्शियल वाहन चालक और स्कूल संचालक अपनी बसें राष्ट्रीय राजमार्ग, एलिवेटेड पुल के नीचे और मुख्य सड़कों पर खड़ा न करें। अन्यथा वाहनों का चालान करने के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।

बढ़ा जान का जोखिम: राष्ट्रीय राजमार्ग तीव्र गति से चलने योग्य बनाने का लाभ तो सभी को मिल रहा है, लेकिन जान का जोखिम भी बढ़ गया है। दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर हुडा सेक्टर दो से आगरा चौक तक सड़कों के दोनों ओर वाहन ही वाहन खड़े नजर आते हैं। स्थिति यह है कि होटल और ढाबा पर रुकने वाले चालक ट्रकों को सड़क किनारे लाइन लगाकर खड़ा कर देते हैं। यही नहीं रोडवेज और स्कूल बस चालक भी मनमानी करते हुए कई जगह सड़क पर बसें खड़ी कर देते हैं। कहीं आधी तो कहीं दो तिहाई सड़क पर इन बस वालों का कब्जा रहता है। इसके कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। खासकर दोपहर के समय दर्जनों की तादात में बसों को चालक सड़क किनारे खड़ी कर देते हैं। सड़क के अधिकांश हिस्से पर बसों के खड़े होने के कारण अन्य वाहनों को सड़क पर पूरी जगह नहीं मिल पाती है। छोटे-बड़े वाहनों का लगा रहता है मेला: वैसे ही जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आते रहते हैं। ऊपर से सड़क किनारे खड़े वाहन और हादसों को न्योता दे रहे हैं। कार्रवाई न होने से 24 घंटे सड़क के दोनों ओर छोटे-बड़े वाहनों का मेला लगा रहता है। सड़क किनारे चालक अपने वाहन अक्सर रात में बेतरतीब खड़ा कर देते हैं। ऐसे में पीछे से आने वाले तेज रफ्तार वाहन खड़े वाहन में टकरा सकते हैं। पहले ऐसी कई घटनाएं हो चुकीं, लेकिन लापरवाह वाहन चालकों पर आज तक लगाम नहीं लग सकी। कहने को तो संबंधित थानों के सिपाहियों को रात और दिन में प्रत्येक चौराहों पर गश्त पर रहने के निर्देश हैं, लेकिन वह कभी कभार ही दिखाई देते हैं।

Edited By: Jagran

Adblock test (Why?)


फरमान को ठेंगा दिखा रहे सड़क किनारे खड़े वाहन - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

Friday, May 6, 2022

हाईकोर्ट का निर्देश: कोर्ट फीस के भुगतान पर नियमों में करें बदलाव - अमर उजाला

सार

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को अदालत शुल्क (कोर्ट फीस) के भुगतान के संबंध में तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया है।

ख़बर सुनें

विस्तार

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को अदालत शुल्क (कोर्ट फीस) के भुगतान के संबंध में तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया है।
विज्ञापन

न्यायमूर्ति पीटी आशा ने 5 मई को दीवानी विविध याचिकाओं के एक बैच का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा कि अदालती शुल्क लगाने या उससे छूट देने का अधिकार दावा न्यायाधिकरणों को चलाने वाले न्यायिक अधिकारियों के पास है। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया था कि इस विवेक का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके, सुसंगत तार्किक तर्क के साथ किया जाना चाहिए, न कि नियमित रूप से। चूंकि इस छूट को विनियमित (रेगुलेट) करने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं बनाए गए थे, इसलिए हर न्यायिक अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए अपना तर्क अपनाया।

न्यायाधीश ने कहा, "इसलिए, सरकार को, जो अदालती शुल्क लगाने में मुख्य पक्ष है, तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों के नियम 24 (3) में आवश्यक संशोधन करने की जरूरत है।"

न्यायाधीश ने कहा कि जब तक नियमों में संशोधन नहीं किया जाता और एक योजना तैयार नहीं की जाती, न्यायिक अधिकारी कुछ दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।

इसके अलावा, न्यायाधीश ने कहा कि यदि दावेदार यह कहते हुए अदालत में आता है कि वह आय अर्जित करने वाले व्यवसाय / काम में लगा हुआ है, तो उससे एक हलफनामा लेने  के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसके बावजूद वे उनके पास न्यायालय शुल्क का भुगतान करने का साधन नहीं है और उनके पास मूल्य की कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है।

इस हलफनामे को नोटरी के सामने शपथ दिलाई जाएगी और इसमें एक वचनबद्धता (अंडरटेकिंग) भी होनी चाहिए कि दावेदार अदालत की फीस का भुगतान करेगा चाहे वह दावे में सफल हो या न हो। छूट प्रदान करते समय, जिसके लिए आम तौर पर एक याचिका के रूप में प्रार्थना की जाती है, ट्रिब्यूनल छूट देने के अपने कारण को संक्षेप में दर्ज करेगा। न्यायाधीश ने कहा, छूट में यह स्पष्ट रूप से देखा जाएगा कि छूट की राशि एक निर्दिष्ट समय के भीतर जमा की जाएगी और एक बार छूट की राशि जमा हो जाने के बाद, अदालत शुल्क घटक को पहले वापस ले लिया जाएगा और एक अलग कोर्ट खाते में डाल दिया जाएगा।

Adblock test (Why?)


हाईकोर्ट का निर्देश: कोर्ट फीस के भुगतान पर नियमों में करें बदलाव - अमर उजाला
Read More

Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...