Rechercher dans ce blog

Saturday, May 7, 2022

फरमान को ठेंगा दिखा रहे सड़क किनारे खड़े वाहन - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Author: JagranPublish Date: Sat, 07 May 2022 07:31 PM (IST)Updated Date: Sat, 07 May 2022 07:31 PM (IST)

जागरण संवाददाता,पलवल: यदि आप शहर की मुख्य सड़कों और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर गाड़ी चला रहे हो तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यहां पर सड़क किनारे खड़े छोटे-बड़े वाहन हादसे की मुख्य वजह बन सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इसको लेकर प्रशासन सख्त नहीं है।

कुछ दिन पहले एसडीएम वैशाली सिंह ने फरमान जारी किया था कि निजी, कामर्शियल वाहन चालक और स्कूल संचालक अपनी बसें राष्ट्रीय राजमार्ग, एलिवेटेड पुल के नीचे और मुख्य सड़कों पर खड़ा न करें। अन्यथा वाहनों का चालान करने के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।

बढ़ा जान का जोखिम: राष्ट्रीय राजमार्ग तीव्र गति से चलने योग्य बनाने का लाभ तो सभी को मिल रहा है, लेकिन जान का जोखिम भी बढ़ गया है। दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर हुडा सेक्टर दो से आगरा चौक तक सड़कों के दोनों ओर वाहन ही वाहन खड़े नजर आते हैं। स्थिति यह है कि होटल और ढाबा पर रुकने वाले चालक ट्रकों को सड़क किनारे लाइन लगाकर खड़ा कर देते हैं। यही नहीं रोडवेज और स्कूल बस चालक भी मनमानी करते हुए कई जगह सड़क पर बसें खड़ी कर देते हैं। कहीं आधी तो कहीं दो तिहाई सड़क पर इन बस वालों का कब्जा रहता है। इसके कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। खासकर दोपहर के समय दर्जनों की तादात में बसों को चालक सड़क किनारे खड़ी कर देते हैं। सड़क के अधिकांश हिस्से पर बसों के खड़े होने के कारण अन्य वाहनों को सड़क पर पूरी जगह नहीं मिल पाती है। छोटे-बड़े वाहनों का लगा रहता है मेला: वैसे ही जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आते रहते हैं। ऊपर से सड़क किनारे खड़े वाहन और हादसों को न्योता दे रहे हैं। कार्रवाई न होने से 24 घंटे सड़क के दोनों ओर छोटे-बड़े वाहनों का मेला लगा रहता है। सड़क किनारे चालक अपने वाहन अक्सर रात में बेतरतीब खड़ा कर देते हैं। ऐसे में पीछे से आने वाले तेज रफ्तार वाहन खड़े वाहन में टकरा सकते हैं। पहले ऐसी कई घटनाएं हो चुकीं, लेकिन लापरवाह वाहन चालकों पर आज तक लगाम नहीं लग सकी। कहने को तो संबंधित थानों के सिपाहियों को रात और दिन में प्रत्येक चौराहों पर गश्त पर रहने के निर्देश हैं, लेकिन वह कभी कभार ही दिखाई देते हैं।

Edited By: Jagran

Adblock test (Why?)


फरमान को ठेंगा दिखा रहे सड़क किनारे खड़े वाहन - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

Friday, May 6, 2022

हाईकोर्ट का निर्देश: कोर्ट फीस के भुगतान पर नियमों में करें बदलाव - अमर उजाला

सार

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को अदालत शुल्क (कोर्ट फीस) के भुगतान के संबंध में तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया है।

ख़बर सुनें

विस्तार

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को अदालत शुल्क (कोर्ट फीस) के भुगतान के संबंध में तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया है।
विज्ञापन

न्यायमूर्ति पीटी आशा ने 5 मई को दीवानी विविध याचिकाओं के एक बैच का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा कि अदालती शुल्क लगाने या उससे छूट देने का अधिकार दावा न्यायाधिकरणों को चलाने वाले न्यायिक अधिकारियों के पास है। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया था कि इस विवेक का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके, सुसंगत तार्किक तर्क के साथ किया जाना चाहिए, न कि नियमित रूप से। चूंकि इस छूट को विनियमित (रेगुलेट) करने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं बनाए गए थे, इसलिए हर न्यायिक अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए अपना तर्क अपनाया।

न्यायाधीश ने कहा, "इसलिए, सरकार को, जो अदालती शुल्क लगाने में मुख्य पक्ष है, तमिलनाडु मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमों के नियम 24 (3) में आवश्यक संशोधन करने की जरूरत है।"

न्यायाधीश ने कहा कि जब तक नियमों में संशोधन नहीं किया जाता और एक योजना तैयार नहीं की जाती, न्यायिक अधिकारी कुछ दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।

इसके अलावा, न्यायाधीश ने कहा कि यदि दावेदार यह कहते हुए अदालत में आता है कि वह आय अर्जित करने वाले व्यवसाय / काम में लगा हुआ है, तो उससे एक हलफनामा लेने  के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसके बावजूद वे उनके पास न्यायालय शुल्क का भुगतान करने का साधन नहीं है और उनके पास मूल्य की कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है।

इस हलफनामे को नोटरी के सामने शपथ दिलाई जाएगी और इसमें एक वचनबद्धता (अंडरटेकिंग) भी होनी चाहिए कि दावेदार अदालत की फीस का भुगतान करेगा चाहे वह दावे में सफल हो या न हो। छूट प्रदान करते समय, जिसके लिए आम तौर पर एक याचिका के रूप में प्रार्थना की जाती है, ट्रिब्यूनल छूट देने के अपने कारण को संक्षेप में दर्ज करेगा। न्यायाधीश ने कहा, छूट में यह स्पष्ट रूप से देखा जाएगा कि छूट की राशि एक निर्दिष्ट समय के भीतर जमा की जाएगी और एक बार छूट की राशि जमा हो जाने के बाद, अदालत शुल्क घटक को पहले वापस ले लिया जाएगा और एक अलग कोर्ट खाते में डाल दिया जाएगा।

Adblock test (Why?)


हाईकोर्ट का निर्देश: कोर्ट फीस के भुगतान पर नियमों में करें बदलाव - अमर उजाला
Read More

मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए ब्याज पर आयकर लागू नहीं: गुजरात हाईकोर्ट - Live Law Hindi

Begin typing your search above and press return to search.

Adblock test (Why?)


मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए ब्याज पर आयकर लागू नहीं: गुजरात हाईकोर्ट - Live Law Hindi
Read More

Wednesday, May 4, 2022

अब Driving License लेने के लिए नहीं देना हो टेस्ट, लेकिन ये है शर्त - Patrika News

ये प्राइवेट ड्राइविंग सेंटर सिर्फ 5 साल के लिए वैध होंगे और आगे चलाने के लिए इन्हें फिर से रिन्यू कराया होगा। सड़क और परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, यदि आप राज्य से मान्यता प्राप्त ड्राइविंग लर्निंग सेंटर में परीक्षा पास करते हैं तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं है। यानी लाइसेंस लेने के लिए ड्राइविंग लर्निंग सेंटर का प्रमाणपत्र पर्याप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें, यहां दी गई जानकारी निजी कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए है, वहीं अगर आप निजी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं, तो उसका अलग प्रवाधान है।


MC50cc - 50 सीसी या उससे कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों के लिए होते हैं, MC EX50CC - 50CC या उससे अधिक की गियर और क्षमता वाले LMV (कार, मोटरसाइकिल) के लिए, MCWOG/FVG - किसी भी इंजन क्षमता वाली लेकिन बिना गियर वाली मोटरसाइकिलें, M/CYCL.WG - गियर वाली/बिना गियर वाली सभी मोटरसाइकिलें। कमर्शियल वाहनों में एचएमवी - भारी मोटर वाहन, एचजीएमवी - भारी माल मोटर वाहन, एचपीएमवी/एचटीवी - भारी यात्री मोटर वाहन/भारी परिवहन वाहन, एमजीवी - मध्यम माल वाहन, एलएमवी - एलएमवी - मोटरकार, डिलीवरी वैन, जीप और टैक्सी, ट्रेलर - भारी ट्रेलर लाइसेंस आदि। इसके अलावा एक अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस भी है।

ये भी पढ़ें : Mahindra Scorpio, Thar और Bolero सिर्फ 3.75 लाख रुपये में मिल रही हैं ये लाजवाब SUV's, EMI पर आज ही ले आएं घर

ध्यान दें, कि ड्राइविंग लाइेंसस को लेकर सरकार का सख्त रुख नजर आ रहा है, जहां पहले आपको घंटो तक लाइन में लगकर अपने टेस्ट के लिए इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। यानी लाइन में लगने का झंझट खत्म हो गया है, इसके अलावा अगर आप डीएल मेंं अपना पता बदलना चाहते हैं, या कुछ अन्य बदलाव करना तो घर बैठें आप आसानी से प्रोसेस कर सकते हैं।

Adblock test (Why?)


अब Driving License लेने के लिए नहीं देना हो टेस्ट, लेकिन ये है शर्त - Patrika News
Read More

नशे में यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाला चालक गिरफ्तार, पुलिस ने वाहन किया सीज - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: शराब के नशे में यात्रियों का जीवन खतरे में डालने वालों के विरुद्ध भी इवनिंग स्ट्रोम अभियान कारगर साबित हो रहा है। नशे में वाहन चलाकर पांच यात्रियों का जीवन खतरे में डालने वाले चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पांचों यात्रियों को दूसरे वाहन की व्यवस्था कर गंतव्य को भेजा। वहीं एक अन्य बाइक सवार को भी नशे में पकड़ लिया। दोनों वाहनों को पुलिस ने सीज कर दिया।

बुधवार को इंटरसेप्टर प्रभारी जीवन सामंत के नेतृत्व में टीम ने अभियान चलाया। लोधिया बैरियर के समीप दिल्ली से पिथौरागढ़ पांच सवारी ले कर जा रही आर्टिगा वाहन संख्या यूके 04 टीबी 2744 को रोका। वाहन चालक ललित मोहन निवासी ग्राम ऐराड़ी चौकोड़ी जिला पिथौरागढ़ को नशे में वाहन चलाने पर गिरफ्तार कर लिया। उसका वाहन जब्त कर दिया गया।

वहीं वाहन सवार यात्रियों को दूसरे वाहन में बैठकार गंतव्य को भेजा। इधर एलआर साह रोड में बाइक संख्या यूके 01 बी 6296 में जितेंद्र प्रकाश निवासी सैल पातालदेवी शराब के नशे में मिला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बाइक और आर्टिगा दोनों सीज कर दी गई। टीम में कांस्टेबल सुनील कुमार, रवि शंकर आदि रहे।

शराब पिलाने और पीने वाले 30 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई

जिले में पुलिस की ओर से इवनिंग स्टॉर्म अभियान जारी है। अभियान के तहत पुलिस ने होटल और ढाबों में शराब पीने और पिलाने वाले कुल 30 और मोटर वाहन अधिनियम पर 44 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की। आठ वाहन जब्त भी किए गए। इस दौरान लोगों को नियमों को लेकर जागरूग किया गया।

इवनिंग स्टॉर्म अभियान के तहत पुलिस की ओर से जिले भर में अभियान जारी है। होटल, ढाबों, ठेलियों और सार्वजनिक स्थानों में पुलिस चेकिंग कर रही है। इन स्थानों में शराब पीने और पिलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। वहीं रैस ड्राइविंग आदि नियमों पर भी सख्ती बरती जा रही है। मंगलवार की देर रात पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाया। विभिन्न सार्वजनिक स्थानों में शराब पीने और पिलाने पर 30 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।

उनसे 2500 रुपये जुर्माना वसूलते हुए भविष्य में इस तरह की गलती फिर से न करने की हिदायत दी गई। इसके अलावा बगैर हैलमेट, बगैर लाइसेंस और दस्तावेजों के वाहन चलाने पर 44 चालकों के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालानी कार्रवाई की। आठ वाहन सीज किए गए, जिसमें सात दोपहिया और एक डंपर वाहन शामिल रहा।

Edited By: Prashant Mishra

Adblock test (Why?)


नशे में यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाला चालक गिरफ्तार, पुलिस ने वाहन किया सीज - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

Tuesday, May 3, 2022

फुल एक्शन में दिल्ली सरकार! की ये छोटी सी गलती तो कटेगा का 10,000 का चालान या हो सकती है जेल - Patrika News


दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, प्रवर्तन टीमों को सड़कों पर ऐसे वाहनों की तलाश जारी रखने के लिए कहा गया है और जल्द ही उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए एक अभियान भी शुरू किया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि, "ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा यह देखा गया है कि सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के यूनिट्स संबंधित परिवहन वाहनों सहित कई मालिक या चालक वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहन चला रहे हैं जो मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम 1988, का उल्लंघन है।"

यह भी पढें: देश की 3 सबसे सस्ती डीजल कार! 26kmpl का माइलेज और पावर भी दमदार

पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मालवाहक वाहनों, स्कूलों और कॉलेजों की बसों और कैब का उपयोग करने वाले सभी वाहन मालिकों और ड्राइवरों के पास एक वैध वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र होना चाहिए। नोटिस में कहा गया है कि एमवी अधिनियम की धारा 56 के अनुसार, एक परिवहन वाहन को वैध रूप से पंजीकृत नहीं माना जाता है, जब तक कि उसके पास दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी फिटनेस का वैध प्रमाण पत्र न हो। ऐसे परिवहन वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त होने तक सड़कों पर चलने के लिए पात्र नहीं हैं।


केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 62 के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र 8 वर्ष तक के वाहनों के लिए 2 वर्ष की अवधि के लिए और 8 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए वैध है।

लगेगा भारी जुर्माना:

वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहनों को चलाने वाले मालिकों और चालकों को पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 से 5,000 रुपये और दूसरी बार या फिर उसके आगे पकड़े जाने पर 5,000 से 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। नोटिस में कहा गया है कि ऐसे मामलों में मालिक या चालक को कारावास का भी प्रावधान है।

वहीं बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक-रिक्शा और ई-कार्ट के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 3 साल की अवधि के लिए वैध होता है। इसके अलावा, केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 81 के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र की समाप्ति के बाद प्रत्येक दिन की देरी के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त लेवी का प्रावधान है।

Adblock test (Why?)


फुल एक्शन में दिल्ली सरकार! की ये छोटी सी गलती तो कटेगा का 10,000 का चालान या हो सकती है जेल - Patrika News
Read More

Sunday, May 1, 2022

दिल्ली: अब बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के परिवहन वाहन चलाने वालों पर कसेगा शिकंजा, होगा 10 हजार तक का जुर्माना, जेल - अमर उजाला

सार

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  प्रवर्तन टीमों को सड़कों पर ऐसे वाहनों पर नजर रखने के लिए कहा गया है और कानून का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।

ख़बर सुनें

विस्तार

दिल्ली परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट चलने वाले परिवहन वाहनों के चालकों और मालिकों को 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या जेल भी हो सकती है। इनमें सरकारी विभाग के वाहन भी शामिल हैं। विभाग ने यह आदेश यह जानकारी मिलने के बाद दिया है कि सड़कों पर ऐसे कई वाहन वैध फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चलते हुए मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। 

विज्ञापन

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  प्रवर्तन टीमों को सड़कों पर ऐसे वाहनों पर नजर रखने के लिए कहा गया है और कानून का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।


परिवहन विभाग द्वारा हाल ही में जारी सार्वजनिक नोटिस में कहा गया, ''देखा गया है कि कई वाहन मालिक या ड्राइवर परिवहन वाहन बिना वैध सर्टिफिकेट के चलाते हुए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें कई वाहन सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के भी हैं। सार्वजनिक सेवा वाहनों, सामान ढोने वाले वाहनों, बसों, कैब और स्कूल कॉलेज वाहनों के मालिकों और चालकों के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट होना चाहिए।''

Adblock test (Why?)


दिल्ली: अब बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के परिवहन वाहन चलाने वालों पर कसेगा शिकंजा, होगा 10 हजार तक का जुर्माना, जेल - अमर उजाला
Read More

Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...