
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से "हल्के मोटर वाहन" के संबंध में ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति द्वारा परिवहन और माल वाहन चलाने से संबंधित याचिका पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि लोगों की आजीविका पर भी सरकार को विचार करना चाहिए. देश भर में ऐसे लाखों ड्राइवर हो सकते हैं, जो देवांगन फैसले के आधार पर काम कर रहे हैं. यह कोई संवैधानिक मुद्दा नहीं है. यह पूरी तरह से एक वैधानिक मुद्दा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा, "सड़क सुरक्षा को कानून के सामाजिक उद्देश्य के साथ संतुलित किया जाना चाहिए और आपको यह देखना होगा कि क्या यह गंभीर कठिनाइयों का कारण बनता है, हम सामाजिक नीति के मुद्दों को एक साथ तय नहीं कर सकते.
केंद्र और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर पहले से ही विचार-विमर्श चल रहा है और उन्होंने अदालत से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया.
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केंद्र के तर्क को स्वीकार करते हुए, पीठ ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो महीने का समय देते हुए आदेश में कहा, "इस न्यायालय के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस मामले पर नए सिरे से विचार करना आवश्यक होगा. इस मामले में निर्णय का इंतजार किया जाना चाहिए."
बता दें कि यह आदेश उस मामले पर आया है जहां कानून का प्रश्न शामिल है कि क्या हल्के मोटर वाहन के संबंध में ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति, उस लाइसेंस के आधार पर, बिना वजन वाले हल्के मोटर वाहन वर्ग के परिवहन वाहन को चलाने का हकदार हो सकता है, जो 7500 किलोग्राम से अधिक न हो. मामला संविधान पीठ को भेजा गया था, क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के कुछ अलग मानदंड थे.
क्या है मुकुंद देवांगन फैसला
गौरतलब है कि संविधान पीठ ने 18 जुलाई, 2023 को मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (2017) 14 SCC 663 में एक फैसले से सुनाया था. इसमें, जस्टिस अमिताव रॉय, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजय किशन कौल की 3-न्यायाधीश पीठ ने कहा था कि 7500 किलोग्राम से कम भार वाले परिवहन वाहन को चलाने के लिए हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस में की अलग से आवश्यकता नहीं है. यानी एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति हल्के मोटर वाहन वर्ग के परिवहन वाहन को चला सकता है. हालांकि इसका वजन 7500 किलोग्राम से अधिक न हो. जबकि ड्राइवेंस लाइसेंस को लेकर सरकार के अलग नियम हैं. यानी परविहन वाहन चलाने के लिए हैवी ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यता होती है.
हल्के परिवहन वाहन चला सकता है LMV लाइसेंस धारक? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया ये आदेश - Aaj Tak
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