अंतिम अपडेट Jan 15, 2022, 09:30 pm
अपने वाहन से एक राज्य से दूसरे राज्य तक यात्रा करने के लिए एक परमिट की आवश्यकता होती है, जिसे व्हीकल परमिट कहा जाता है। भारत में राष्ट्रीय परमिट और स्थानीय परमिट जैसे दो प्रकार के व्हीकल परमिट होते हैं। इसके अलावा कमर्शियल वाहनों और पैसेंजर वाहनों के लिए भी अलग से परमिट दी जाती है। इसलिए आज हम आपको भारत में विभिन्न तरह के मिलने वाले व्हीकल परमिटों के बारे में बताने जा रहे हैं।
परिचय
क्या होती है व्हीकल परमिट?
एक व्हीकल परमिट एक प्रमाण पत्र है जो केंद्रीय मोटर वाहन नियम अधिनियम, 1989 के तहत दी जाती है। यह परमिट आपके वाहन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की अनुमति देता है। इसके अलावा यह यात्रियों और सामानों को कमर्शियल उद्देश्यों से ले जाने के लिए भी दिए जाते हैं। इनमे लगने वाला चार्ज वाहनों के प्रकार और विभिन्न राज्यों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।
मालवाहक परमिट
सामानों के आधार पर मिलने वाला पहला परमिट मालवाहक परमिट है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 79 के तहत माल वाहन के मालिक द्वारा मालवाहक परमिट प्राप्त किया जा सकता है। यह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के साथ-साथ राज्य के भीतर परिचालन के लिए भी दिया जाता है। राज्यों के अंदर यह परमिट केवल एक निश्चित क्षेत्र में वाहन को चलाने की अनुमति देता है।
माल वाहक परमिट के काउंटर हस्ताक्षर
मालवाहक परमिट के काउंटर हस्ताक्षर एक राज्य में जारी किए जाते हैं और दूसरे राज्य में मान्य होते हैं। इसके लिए इस परमिट को दूसरे राज्य के राज्य क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण से अप्रूव्ड करवाया जाता है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 88 के तहत दिल्ली में 5 जनवरी 2006 से ये परमिट उन माल वाहनों को नहीं दिए जाएंगे जो दूसरे राज्य में रजिस्टर हैं और जिनका वजन 7,500 किलोग्राम तक है।
कान्ट्रैक्ट कैरिज बस परमिट
चार्टर्ड बसें के लिए कान्ट्रैक्ट कैरिज बस परमिट दिए जाते हैं। इसके तहत परमिट धारक और वाहन के संचालक के बीच एक कान्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए जाते हैं जो एक निश्चित मार्ग पर बस को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की अनुमति देता है। बस के चालक के पास चार्टर्ड बस में यात्रा करने वाले यात्रियों की सूची होनी चाहिए। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 74 के तहत परमिट जारी किए जाते हैं।
राष्ट्रीय परमिट
एक माल वाहन को राष्ट्रीय परमिट जारी किया जाता है जिसे होम स्टेट से बाहर जाने की जरूरत होती है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 86 और 87 के अनुसार होम स्टेट को ध्यान में रखते हुए कम से कम चार राज्यों के लिए एक राष्ट्रीय परमिट जारी किया जाता है। राष्ट्रीय परमिट लेने के लिए माल वाहन 12 साल ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए और मल्टी एक्सल वाहन 15 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
जानकारी
ये हैं अन्य तरह के परमिट
इन परमिट्स के अलावा भारत में ऑटो रिक्सा या टैक्सी परमिट, इको फ्रेंडली सेवा, अस्थायी परमिट, रेंट कैब परमिट, स्कूल बस परमिट, टूरिस्ट परमिट, स्टेज कैरियर परमिट, फट-फट सेवा जैसे और भी कई परमिट के लिए आवेदन किए जाते हैं।
मोटर व्हीकल परमिट के लिए आवेदन करने से पहले जानें इसके प्रकार और उनसे जुड़ी बातें - NewsBytes Hindi
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