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Sunday, November 21, 2021

बिहार में चला रहे हैं दूसरे राज्य की गाड़ी तो हो जाएं सावधान, भरना होगा भारी जुर्माना - दैनिक जागरण

जागरण संवाददाता, पटना : टैक्स चोरी के उद्देश्य से बिहार में रहने वाले वाहन मालिकों द्वारा दूसरे राज्यों में गलत पता दर्शा बड़े पैमाने पर गाड़ियों की खरीद की जा रही है। खासकर वाहन मालिकों द्वारा झारखंड में जाकर गलत पता तथा प्रमाणपत्र देकर गाड़ियों का निबंधन कराया जा रहा है। परिवहन विभाग ने अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रूप से बिहार में वाहन चलाने वालों के लिए अनिवार्य रूप से राज्य का नंबर लेना अनिवार्य कर दिया है। इससे बिहार में राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। विभाग ने इस संबंध में सभी जिला परिवहन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। 

परिवहन विभाग की ओर से रविवार को चलाए गए अभियान के तहत पूरे राज्य में 487 वाहनों को पकड़ा गया। इनमें 21 वाहन ऐसे थे जिनका झारखंड अथवा अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन था व बिहार में स्थायी रूप से चल रहे थे। ऐसे वाहन मालिकों से 5000 रुपये जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। वाहन चालकों से सीटबेल्ट, हेलमेट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि की भी जांच की गई। जुर्माने के साथ विभिन्न धाराओं के तहत 54 वाहनों को जब्त किया गया। 

मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य से एवं अन्य कारणों से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छिपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे राज्य को राजस्व क्षति भी हो रही है। परिवहन सचिव ने बताया कि झारखंड एवं अन्य राज्य के वास्तविक वाहन मालिकों को घबराने की जरूरत नहीं है। वो अपनी पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा की रसीद, आधार कार्ड, डीएल या अन्य कोई प्रमाणपत्र दिखाकर झारखंड या अन्य राज्य से आने का प्रूफ दिखाएंगे तो उन्हें फाइन नहीं लगेगा। परिवहन विभाग को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि अन्य राज्यों में निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है। 

आसानी से ले सकेंगे रजिस्ट्रेशन नंबर

परिवहन सचिव ने कहा है कि झारखंड और अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रूप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा। बिहार का नंबर लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करें।

क्या है प्राविधान

मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान से परिवर्तित स्थान पर वाहन का उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन मालिक को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा। 

कैसे प्राप्त करें स्थानीय निबंधन संख्या 

वाहन स्वामी द्वारा स्थानीय डीटीओ कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करना होगा। कई निजी वाहनों के मालिक हैं जो अन्य राज्यों से निबंधित वाहन का एनओसी लेकर बिहार में अपने वाहन का निबंधन कराना चाहते हैं। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बिहार का नंबर दिया जाएगा। 

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