केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है. वहीं अब इस दिशा में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. दरअसल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के नियमों में बदलाव कर दिया है. सरकार के नए नियम के मुताबिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, एनजीओ और निजी कंपनियों को ट्रेनिंग सेंटर चलाने की इजाजत होगी. ट्रेनिंग के बाद ये सभी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे.
ये जारी कर सकेंगी लाइसेंस
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को इसके लिए गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके मुताबिक इसके ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की नई सुविधा के साथ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) द्वारा भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे. मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया कि वैध संस्थाएं जैसे फर्म्स, एनजीओ, प्राइवेट कंपनी, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, ऑटोनॉमस बॉडी, प्राइवेट व्हीकल मैन्यूफैक्चरर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की मान्यता के लिए अप्लाई कर सकेंगे.
इसकी होगी जरूरत
मंत्रालय ने बयान में आगे कहा कि इन वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन (CMV) नियम, 1989 के तहत निर्धारित जमीन पर जरूरी सुविधाएं होना आवश्यक है. यही नहीं अगर कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में इसके लिए अप्लाई करता है तो उसे रिसोर्स को मैनेज करने को लेकर अपनी फाइनेंशियल कैपेबिलिटी दिखानी होगी.
जमा करानी होगी सालाना रिपोर्ट
केंद्र सरकार के नए नियमों के अनुसार राज्य सरकारों को इस तरह के ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स के मान्यत प्राप्त करने के तरीके के अलावा दूसरी जानकारियों का प्रचार करना होगा. सरकार के मुताबिक ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने के प्रोसेस को अप्लाई करने के 60 दिनों के अंदर पूरा करना होगा. इन ट्रेनिंग सेंटर्स को अपनी एनुअल रिपोर्ट भी जमा करानी होगी. जिसे RTO या DTO में जमा कराया जा सकेगा.
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