भभुआ, संवाद सहयोगी। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपना और अपने परिवार का तो बीमा कराकर खुद को सुरक्षित कर लेते हैं। मगर वाहनों का बीमा कराने के मामले में वह पिछड़ जाते हैं। यह हाल लगभग हर जगह का है। लोग मोटर बीमा के प्रति जागरूक ही नहीं है औऱ इसपर रुपए खर्च नहीं करना चाहते। लेकिन आगामी दिनों में इस पर सख्ती से परिवहन विभाग काम करेगा।
अब बिना थर्ड पार्टी बीमा के वाहनों से सड़क दुर्घटना या मृत्यु होने पर उक्त वाहन को पुलिस द्वारा जब्त एवं नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी। वाहन को तब तक नहीं छोड़ा जा सकेगा जब तक कि न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुरूप मुआवजा नहीं मिल जाता। इस संबंध में बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली,1961 में वांछित संशोधन किया गया है।
जिला परिवहन पदाधिकारी राम बाबू ने बताया कि सचिव पटना के द्वारा बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वाहन से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मुआवजा भुगतान हेतु नियम बनाये जाने के आदेश के आलोक में राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कार्रवाई की गई है। यह व्यवस्था 15 सितंबर से पूरी तरह लागू हो रही है। दावा न्यायाधिकरण के निर्णय के बाद 30 दिनों के अंदर वाहन मालिक द्वारा मुआवजा राशि जमा नहीं करने पर जिला पदाधिकारी को उक्त वाहन का अधिग्रहण करने एवं नीलामी के लिए प्राधिकृत किया जाएगा। वाहन की नीलामी से प्राप्त राशि कम होने की स्थिति में अंतर राशि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से दी जाएगी। सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रित को 5 लाख रुपए मुआवजे की राशि मिलेगी वहीं घायल होने की स्थिति में 50 हजार रुपए दिया जाने का प्रावधान किया गया है।
1 सितंबर से चलेगा विशेष जांच अभियान
बिना थर्ड पार्टी बीमा के चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए एक सितंबर से विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि अनिवार्य रुप से अपने वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा करा लें। सभी वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा कराया जाना अनिवार्य है। जांच अभियान के दौरान बिना थर्ड पार्टी बीमा के पकड़े जाने पर संबंधित वाहन मालिक पर कार्रवाई की जाएगी।
वाहन का बीमा नहीं है तो हो जाइए सावधान! दुर्घटना होने पर हो सकती है इसकी नीलामी - दैनिक जागरण
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