जागरण संवाददाता, धनबाद : जिला के सड़कों पर अपने अपने वाहनों के नंबर प्लेटों पर रंग बिरंगे कैप्शन और नाम लिखकर चलने वालों के लिए बुरी खबर है। कारण है परिवहन विभाग जो ऐसे लोगों के विरुद्ध जल्द ही बड़ी कारवायी का मन बना चुका है। साथ ही इसकी रूप रेखा बना कर आनेवाले दो तीन दिनों में एक बड़ा अभियान शुरू करने वाला है।
इसकी जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी ओम प्रकाश यादव ने कहा कि वाहन या नंबर प्लेट सहित उसके किसी भी हिस्से पर कोई नाम लिखना या जाति सूचक नाम और चिन्ह लगाना गैरकानूनी है। इसके लिए मोटरवाहन अधिनियम 1988 की धारा 179 1 में स्पष्ट व्याख्या की गयी है। इस अधिनियम की हाल में ही राज्य सरकार ने समीक्षा की थी।
जिसके सम्यक विचारोपरांत सक्षम प्राधिकारों के व्यवहार्थ/प्रयुक्त सरकारी वाहनों के अग्र सूचक बोर्ड या पट्ट के प्रयोग के निमित्त वांछित नीति का संसूचन गजट संख्या-183 दिनांक- 10 मार्च 2021 के माध्यम से प्रकाशित किया था। जिसके अनुसार विधायिका प्राधिकार, न्यायपालिका प्राधिकार, कार्यपालिका प्राधिकार, वैधानिक आयोग, केंद्रीय कार्यालय (राज्यावस्थित प्रतिष्ठान), भारत सरकार के मंत्रालय के झारखंड राज्य में पदस्थापित सक्षम प्राधिकारी एवं कतिपय सक्षम प्राधिकारी विधि व्यवस्था संधारण, निरीक्षण तथा प्रवर्तनकृत्यों के निष्पादन हेतु विनिर्दिष्ट किए गए पदाधिकारी ही अपने आधिकारिक वाहनों पर नामपट्ट लगा सकते हैं।
यादव ने बताया कि इसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति या संस्था के पदाधिकारी ऐसा नहीं कर सकते। यह मोटरवाहन अधिनियम 1988 की धारा 179 का खुला उल्लंघन है। इसी के आलोक में राज्य सरकार ने ऐसे सभी लोगों के विरूद्ध कारवायी करने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि यदि कोई मोटर वाहन जिस पर बोर्ड या पट्ट लगा हुआ है तथा समुचित सक्षम प्राधिकारियों को नहीं ले जा रहा है, तो संबंधित वाहन चालक का यह दायित्व होगा कि ऐसी स्थिति में बोर्ड या पट्ट को काले आवरण से ढकना सुनिश्चित करेंगे। किसी भी वाहन पर मोटर यान अधिनियम एवं नियमावली के प्रावधानों के आलोक में कोर्ट, पुलिस, प्रेस, सरकार, प्रशासन, मंत्रालय इत्यादि शब्दों का प्रयोग वर्जित रहेगा।
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पुलिस, प्रेस व अन्य तरह की अनाधिकृत बोर्ड लगाकर घुमते हुए पाए गए तो खैर नहीं - दैनिक जागरण
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