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Saturday, June 12, 2021

प्रदेश में रोड एक्सीडेंट पर नियम बदले - Divya Himachal

सरकार ने सड़क दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में नियम 215 से 235 के संशोधित प्रारूप को दी सैद्धांतिक मंजूरी

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन (संशोधन) नियम, 2021 के तहत सड़क दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में अंकित नियम 215 से 235 के संशोधित प्रारूप को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। संशोधित नियमों के लागू होने के उपरांत दुर्घटना के समय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 146 के अनुसार वाहन का वैध बीमा न होने पर प्रभावितों को न्यायाधिकरण के निर्देशानुसार नुकसान की भरपाई होगी। यह जानकारी परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के उपरांत दावा प्रक्रिया में तेजी आएगी और दावा अदायगी समयबद्ध सुनिश्चित होगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि नियमों में संशोधन होने से प्रार्थी के हितों की सुरक्षा का उचित प्रावधान होगा। दुर्घटना में मृत्यु, शारीरिक चोट या संपत्ति को नुकसान होने पर मोटर वाहन नहीं छोड़ा जाएगा।

बीमा पॉलिसी में तीसरा पक्ष जोखिम (थर्ड पार्टी रिस्क) कवर न होने पर वाहन को पुलिस द्वारा बेचने एवं प्रभावितों को मुआवजे का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि नियमों में दुर्घटना बीमा के अंतर्गत आवेदन से लेकर समयबद्ध अदायगी तक की प्रक्रिया का सरलीकरण एवं त्वरित अदायगी का प्रावधान किया गया है। लाभार्थी के खाते में आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से राशि का सीधा हस्तांतरण किया जाएगा। दुर्घटना में एक से अधिक वाहन शामिल होने की स्थिति में सभी वाहनों को पुलिस रिपोर्ट के आधार पर दावा राशि का भुगतान किया जाएगा। दावा पक्ष यदि गवाहों को बुलाने का खर्च वहन करने में असमर्थ है, तो उस स्थिति में खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। विकलांगता दावों पर न्यायाधिकरण द्वारा चिकित्सा बोर्ड गठित कर रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देने का प्रावधान भी किया गया है। प्रस्तावित संशोधनों पर जनसाधारण के आक्षेप अथवा सुझाव प्राप्त करने के लिए इन्हें राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा, जो कि विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होंगे। एक माह की अवधि के भीतर प्राप्त आक्षेप एवं सुझाव के निपटारे के उपरांत इन नियमों को अंतिम स्वरूप प्रदान किया जाएगा। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने गत दिवस मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए विभिन्न निर्णयोंं की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिवहन क्षेत्र को लगभग 40 करोड़ रुपए की राहत प्रदान की है। उन्होंने स्टेज कैरिज आपरेटर्ज के लिए कार्यशील पूंजी पर ब्याज उपदान योजना की स्वीकृति से बस आपरेटर्ज को प्रति बस दो लाख रुपए तथा अधिकतम 20 लाख रुपए तक की ऋण राशि कार्यशील पूंजी के लिए उपलब्ध करवाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ऋण राशि पांच वर्ष की अवधि के लिए दी जाएगी, जिसमें मोरेटोरियम अवधि का एक वर्ष शामिल होगा। ब्याज पर 75 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। द्वितीय वर्ष में ब्याज पर 50 प्रतिशत उपदान भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

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