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बस अड्डा स्थित टैक्सी यूनियन कार्यालय पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के तत्वावधान में टैक्सी संचालक व चालकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ ताली, थाली, घंटी और वाहनों के हॉर्न बजाकर विरोध किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार से वाहनों के टैक्स माफ करने की मांग की।
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सोमवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट की ओर से बस अड्डा स्थित टैक्सी यूनियन कार्यालय पर आयोजित बैठक में सभी मोटर मालिकों और यूनियनों के पदाधिकारियों ने अपनी समस्याओं पर चर्चा की। प्रदेश महासचिव आदेश सैनी सम्राट ने कहा कि ट्रांसपोर्ट ही एक ऐसा व्यवसाय है, जो अपने खून-पसीने की कमाई से सरकार को बड़ी मात्रा में टैक्स देता है। इसके बावजूद सबसे ज्यादा उत्पीड़न वाहन चालकों का किया जाता है। चौराहों पर मोटर वाहनों के चालकों को चालान या घूसखोरी के माध्यम से प्रताड़ित किया जाता है, लेकिन फिर भी ट्रांसपोर्टर्स जनता की सेवा में दिन-रात भूखे-प्यासे रहकर इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं। इसके बावजूद आज तक केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार ने ट्रक, बस, ऑटो, विक्रम, टैक्सी चालकों को कोरोना वॉरियर्स की उपाधि नहीं दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार डीजल, पेट्रोल, गैस आदि के दाम में रोजाना अनावश्यक बढ़ोतरी करके ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को भी खत्म करने वाले रास्ते अपना रही है। इस दौरान उन्होंने टैक्स की माफी और आर्थिक मदद करने की घोषणा की मांग की। बैठक में टैक्सी यूनियन के प्रीतम सिंह और बस-टैंपो यूनियन के देशराज सैनी ने कहा कि यूनियन उत्तराखंड सरकार के उस बयान की निंदा करती है, जिसमें सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि कर्फ्यू में तो सभी के काम चल रहे हैं। इस मौके पर राजेश शर्मा, सुधीर शर्मा, छबील दास, अन्नू गुप्ता, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद चांद, प्रदीप कुमार, राज कुमार, अरविंद कुमार, सुनील शर्मा, संजय पंडित, श्रीकांत, संजय कुमार, पवन कुमार, कुलबीर चौधरी, रहतू सिंह, तरुण सैनी, मंजीत सिंह, मुकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
सोमवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट की ओर से बस अड्डा स्थित टैक्सी यूनियन कार्यालय पर आयोजित बैठक में सभी मोटर मालिकों और यूनियनों के पदाधिकारियों ने अपनी समस्याओं पर चर्चा की। प्रदेश महासचिव आदेश सैनी सम्राट ने कहा कि ट्रांसपोर्ट ही एक ऐसा व्यवसाय है, जो अपने खून-पसीने की कमाई से सरकार को बड़ी मात्रा में टैक्स देता है। इसके बावजूद सबसे ज्यादा उत्पीड़न वाहन चालकों का किया जाता है। चौराहों पर मोटर वाहनों के चालकों को चालान या घूसखोरी के माध्यम से प्रताड़ित किया जाता है, लेकिन फिर भी ट्रांसपोर्टर्स जनता की सेवा में दिन-रात भूखे-प्यासे रहकर इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं। इसके बावजूद आज तक केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार ने ट्रक, बस, ऑटो, विक्रम, टैक्सी चालकों को कोरोना वॉरियर्स की उपाधि नहीं दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार डीजल, पेट्रोल, गैस आदि के दाम में रोजाना अनावश्यक बढ़ोतरी करके ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को भी खत्म करने वाले रास्ते अपना रही है। इस दौरान उन्होंने टैक्स की माफी और आर्थिक मदद करने की घोषणा की मांग की। बैठक में टैक्सी यूनियन के प्रीतम सिंह और बस-टैंपो यूनियन के देशराज सैनी ने कहा कि यूनियन उत्तराखंड सरकार के उस बयान की निंदा करती है, जिसमें सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि कर्फ्यू में तो सभी के काम चल रहे हैं। इस मौके पर राजेश शर्मा, सुधीर शर्मा, छबील दास, अन्नू गुप्ता, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद चांद, प्रदीप कुमार, राज कुमार, अरविंद कुमार, सुनील शर्मा, संजय पंडित, श्रीकांत, संजय कुमार, पवन कुमार, कुलबीर चौधरी, रहतू सिंह, तरुण सैनी, मंजीत सिंह, मुकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
ट्रांसपोटर्सों ने ताली, थाली, घंटा व हॉर्न बजाकर जताया विरोध - अमर उजाला
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