जोशीमठ, अमृत विचार। प्रदेश में पूर्व के हादसों में कई लोग अकाल मौत के गाल में समा गए चुके हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में खराब सड़कें, खतरनाक मोड़ भी सड़क हादसों का मुख्य कारण बनते हैं।
इस बीच जोशीमठ औली मोटर मार्ग पर पर्यटकों का वाहन आईटीबीपी कैंप के समीप गहरी खाई में गिर गया। वाहन में चार पर्यटकों में दो को गंभीर चोट आई हैं। बताया जा रहा है कि सड़क हादसा सुनील के ढोगड्याना बैंड के पास हुआ है।
हरियाणा का पर्यटक वाहन विंटर डेस्टिनेशन औली से जोशीमठ हरिद्वार के लिए निकला था, तभी अचानक सुनील बैंड के पास वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे लुढ़क गया और नीचे बुरांस के पेड़ों पर अटक गया। सभी घायल मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी हैं। घायलों का रेस्क्यू करने के बाद आंशिक घायलों को एंबुलेंस के जरिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र सुनील जोशीमठ में उपचार के लिए लाया गया, जबकि गंभीर रूप से घायलों को मुख्यालय के हाई सेंटर भेज दिया गया है।
नई गाड़ी खरीदने पर अब सिर्फ रसीद, इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, बल्कि पूरी फाइल वाहन स्वामी को सौंपी जाएगी। इस फाइल में फार्म 20 (आवेदन पत्र), फार्म 22 (वाहन निर्माण से संबंधित जानकारी), इंश्योरेंस व आरसी कागज मौजूद होगा। इसके पहले की व्यवस्था में यह फाइल आरटीओ कार्यालय में जमा रहती थी। मगर फाइलों का अतिरिक्त भार होने के कारण, मोटर एजेंसियों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई। वहीं हाल ही इस व्यवस्था में बदलाव किया गया। इस आधार पर अब यह फाइल परिवहन मुख्यालय से सीधे वाहन स्वामी के पते पर भेजी जाएगी।
वहीं गाड़ी खरीदते समय संबंधित वाहन एजेंसी ग्राहक से एक शपथ पत्र लेगी। जिसमें इस प्रपत्र को व्यवस्थित रखने का संकल्प वाहन स्वामी को लेना होगा। वहीं प्रपत्र दाखिल करने के बाद यह फाइल 15 दिनों के भीतर वाहन स्वामी के लिखित पते पर पहुंच जाएगी। हालांकि इस फाइल को संबंधित मोटर एजेंसी से भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा इस फाइल की एक प्रति आरटीओ कार्यालय में भी मौजूद रहेगी। आवश्यकता पड़ने पर ओरिजनल प्रपत्र से इसका मिलान किया जा सकेगा।
ऐसे में वाहन स्वामी के पास अपनी गाड़ी से संबंधित पूरी जानकारी मौजूद होगी। उसे आरटीओ कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। हालांकि देखा जाए तो अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस लिए परिवहन विभाग ने मोटर वाहन एजेंसियों को निर्देशित किया है कि ग्राहक से शपथ पत्र लेते समय इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाए। फिलहाल यह व्यवस्था प्राइवेट वाहनों के लिए लागू की गई है। वहीं व्यावसायिक वाहनों का प्रपत्र पूर्व की भांति आरटीओ कार्यालय में ही जमा रहेगा।
Driving Licence New Rules 2024: ड्राइविंग लाइसेंस के नये नियम पढ़िए जिससे आपको जुर्माना नहीं देना होगा। अगर 2 पहिया या 4 पहिए वाले वाहन चालकों को अब किसी भी और रीजनल डिलीवरी ऑफिस (RTO) के लिए अपना लाइसेंस आवेदन की आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार ने नया ड्राइविंग लाइसेंस (New Driving License) प्राप्त करने के लिए नया संस्करण जारी किया है, जिसमें अब ड्राइविंग टेस्ट पास करने की आवश्यकता नहीं है, जो सामान्य व्यक्ति के लिए एक बड़ी राहत है। पढ़िए पूरी खबर ये भी पढ़ेः FASTag का इस्तेमाल करने वाले जल्दी से करें ये काम..31 जनवरी से बदल रहा नियम
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यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ रोड्स एंड मोटर के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) प्राप्त करने की आवश्यकताएं बदल दी गई हैं। और नए ड्राइविंग लाइसेंस नियम। भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा स्थापित नए ड्राइविंग लाइसेंस लाइसेंस के साथ सभी नए यात्रियों को खुशी होनी चाहिए। भारत सरकार ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम 2024 को लागू करने का प्रयास किया है। साथ ही, केंद्र सरकार ने विभिन्न नियमों को बदलने की कोशिश की थी।
नए ड्राइविंग लाइसेंस (New Driving License) नियम 2024 और एक निजी ड्राइविंग स्कूल स्थापित करने के लिए अन्य विनियम दोनों। जुलाई 2022 से प्रभावी होंगे। इसके मुताबिक भारत में सभी 2 और 4 पहिए वाले वाहन ड्राइविंग लाइसेंस नए लाइसेंस के पुराने होगे। इसलिए ड्राइविंग टेस्ट पास करना अब आवश्यक नहीं है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण या केंद्र सरकार (Central Government) को उन वाहनों का परिवहन करना होगा जो इस दस्तावेज को प्रदान करेंगे। इन सिद्धांतों का सम्मेलन 5 वर्षों के लिए होगा, जिसके बाद इसे नवीनीकृत किया जाना चाहिए। नए ड्राइविंग लाइसेंस नियमों के लाभ इसके साथ ही सड़क और मोटर मार्ग मंत्रालय ने नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए लाइसेंस को जरूरी कर दिया है।
ड्राइविंग लाइसेंस नए नियम 2024 के मुताबिक 2 और 4-पहिया काउंसिल के दस्तावेजों के लिए कुछ अच्छी खबरें हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियमों का लाभ यह है कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में किसी भी शारीरिक जांच की आवश्यकता नहीं है।
ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से parivahan.gov.in पर ऑनलाइन देखी जा सकती है। सरकार का दावा है कि इससे आरटीओ पर लंबी कतारें खत्म हो जाएंगी।
जनवरी 2024 में नए ड्राइविंग लाइसेंस
जिस प्रकार के वाहन आप पसंद करते हैं, उसी प्रकार आपको विभिन्न प्रकार का ड्राइविंग लाइसेंस भी प्राप्त करना चाहिए।
व्यावसायिक वाहन ड्राइविंग लाइसेंस प्रकार
एचएमवी: हैवी मोटर वाहन
एचजीएमवी: हैवी गुड्स मोटर वाहन
एमजीवी: डोमिनिक गुड्स वाहन
टेलीकॉम: हैवी टेलीकॉम लाइसेंस
एलएमवी: बाइक, वैन, जीप, और टैक्सी
एचपीएमवी / एचटीवी: हेवी ऑटोमोबाइल मोटर वाहन या हैवी ऑटोमोबाइल वाहन
व्यक्तिगत वाहन ड्राइविंग लाइसेंस
MC 50CC: 55cc इंजन या कम क्षमता वाली बाइक
MC EX50CC: गियर वाले और 50CC या इससे अधिक क्षमता वाले वाहन: कार और बाइक
MCWOG/FVG: बिना गियर की किसी भी इंजन क्षमता वाली बाइक: बाइक या मोपेड
M/CYCL.WG: सभी गियर वाली और बिना गियर वाली सभी बाइकें
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर की पॉपुलर कार निर्माता कंपनियों में शुमार Audi को लेकर हम आपके लिए एक रोचक कहानी लेकर आए हैं। क्या आपने कभी ऑडी के लोगो में चार जुड़ी हुई रिंगों के पीछे के अर्थ के बारे में सोचा है? अगर आपका जवाब 'नहीं' है, तो हम आपको इसके पीछे की पूरी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
Audi के लोगो में 4 छल्ले ही क्यों?
Audi के लोगो में शामिल किए गए 4 रिंग अलग-अलग वाहन निर्माता कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस यूनियन में नीचे दी गई 4 कंपनियां शामिल थीं।
29 जून 1932 को Auto Union AG बनाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ सैक्सोनी की पहल पर ऑडीवेर्के, होर्चवेर्के और जस्चोपाउर मोटरेनवेर्के जे.एस. रासमुसेन एजी (डीकेडब्ल्यू) का विलय हुआ था।
विलय के बाद ऑटो यूनियन एजी जर्मनी में दूसरी सबसे बड़ी मोटर वाहन निर्माता थी। कंपनी के प्रतीक में चार इंटरलॉकिंग रिंग शामिल थे, जिसका उद्देश्य चार संस्थापक कंपनियों की अविभाज्य एकता का प्रतीक था।
समय के साथ बदला लोगो
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऑटो यूनियन ने कारों, मोटरसाइकिलों और वैन का उत्पादन किया, लेकिन 1950 के दशक के मध्य में इसे वित्तीय और श्रम समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऑटो यूनियन को 1958 में डेमलर-बेंज द्वारा खरीदा गया था और 1964 में वोक्सवैगन को बेच दिया गया।
VW के अधिग्रहण के तुरंत बाद, ऑटो यूनियन ने ऑडी नाम से कारों की बिक्री शुरू कर दी। इसके 1969 में इसने एक अन्य कार निर्माता, एनएसयू का अधिग्रहण कर लिया। कंपनी तब ऑडी एनएसयू ऑटो यूनियन एजी बन गई।
इसके बाद VW Group ने अपनी इसप्रीमियम कार निर्माता को Audi का नाम देते हुए लोगो तो भी काफी सरल कर दिया।
नई गाड़ी खरीदने पर अब सिर्फ रसीद, इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, बल्कि पूरी फाइल वाहन स्वामी को सौंपी जाएगी। इस फाइल में फार्म 20 (आवेदन पत्र), फार्म 22 (वाहन निर्माण से संबंधित जानकारी), इंश्योरेंस व आरसी कागज मौजूद होगा। इसके पहले की व्यवस्था में यह फाइल आरटीओ कार्यालय में जमा रहती थी। मगर फाइलों का अतिरिक्त भार होने के कारण, मोटर एजेंसियों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई। वहीं हाल ही इस व्यवस्था में बदलाव किया गया। इस आधार पर अब यह फाइल परिवहन मुख्यालय से सीधे वाहन स्वामी के पते पर भेजी जाएगी।
वहीं गाड़ी खरीदते समय संबंधित वाहन एजेंसी ग्राहक से एक शपथ पत्र लेगी। जिसमें इस प्रपत्र को व्यवस्थित रखने का संकल्प वाहन स्वामी को लेना होगा। वहीं प्रपत्र दाखिल करने के बाद यह फाइल 15 दिनों के भीतर वाहन स्वामी के लिखित पते पर पहुंच जाएगी। हालांकि इस फाइल को संबंधित मोटर एजेंसी से भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा इस फाइल की एक प्रति आरटीओ कार्यालय में भी मौजूद रहेगी। आवश्यकता पड़ने पर ओरिजनल प्रपत्र से इसका मिलान किया जा सकेगा।
ऐसे में वाहन स्वामी के पास अपनी गाड़ी से संबंधित पूरी जानकारी मौजूद होगी। उसे आरटीओ कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। हालांकि देखा जाए तो अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस लिए परिवहन विभाग ने मोटर वाहन एजेंसियों को निर्देशित किया है कि ग्राहक से शपथ पत्र लेते समय इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाए। फिलहाल यह व्यवस्था प्राइवेट वाहनों के लिए लागू की गई है। वहीं व्यावसायिक वाहनों का प्रपत्र पूर्व की भांति आरटीओ कार्यालय में ही जमा रहेगा।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की क्रांति आ गई है. टू-व्हीलर के साथ-साथ अब 4-व्हीलर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां भी इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को लेकर काफी फोकस हैं. भारत के विकसित देश बनने तक के सफर में इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस्तेमाल का अहम योगदान रह सकता है. इसी सिलसिले में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) का कहना है कि देश के विकास में इलेक्ट्रिक व्हीकल के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल का अहम योगदान है. DPIIT के सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में कर प्रोत्साहन, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के अनिवार्य प्रावधान द्वारा समर्थित विभिन्न खंडों में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर एक बड़ा बदलाव शामिल है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल का योगदान महत्वपूर्ण
सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का विकास और उन्हें अपनाना भारत के निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सचिव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि 2047 के लिए व्यापक दृष्टिकोण में कर प्रोत्साहन, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के अनिवार्य प्रावधान द्वारा समर्थित विभिन्न खंडों में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर एक बड़ा बदलाव शामिल है.
कार्बन मुक्त देश बनाने पर जोर
उन्होंने कहा कि सड़क से रेल तक माल ढुलाई के ‘मॉडल शेयर’ में बदलाव माल परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के लिए एक प्रभावी कदम होगा. अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देना सतत विकास के प्रति देश के समर्पण को रेखांकित करता है.
2047 तक बनाना है विकसित राष्ट्र
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विकसित भारत@2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. इसमें आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है.
सिंह ने कहा कि उन्होंने दावोस में हाल ही में संपन्न विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में ‘भविष्य के औद्योगिक परिवेश के वित्तपोषण’ पर एक सत्र में इन बातों पर चर्चा की थी. सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजनाएं और मोटर वाहन, मोटर वाहन उपकरण तथा ड्रोन उद्योगों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना शुरू की हैं.
इस साल चीन में नवीन ऊर्जा वाहन की बिक्री 1 करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ नए उत्पादों के नवीकरण का चक्र छोटा हो जाएगा। बड़े पैमाने पर उत्पादन से पहले नए उत्पादों का योग्यता और यहां तक कि अत्यधिक परीक्षण किया जाता है।
चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश स्थित राष्ट्रीय अल्पाइन मोटर वाहन गुणवत्ता निरीक्षण और परीक्षण केंद्र में जनवरी में सुबह बाहर का तापमान शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास है, तब कर्मचारी वाहन के परीक्षण कार्य की तैयारी करने लगे। पहले सालों की तुलना में इस साल परीक्षण करने वाले नवीन ऊर्जा वाहन की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ।
नवीन ऊर्जा वाहन मुख्य रूप से बिजली से चलते हैं। इसके मूल्यांकन के विषय और तरीके ईंधन वाहन से बिलकुल अलग है। परीक्षण इंजीनियर ह च्वुननान ने कहा कि अल्पाइन पर्यावरण के मौसम के अनुसार परीक्षण में स्थिर वाहन फ़ंक्शन जांच और गतिशील ड्राइविंग परीक्षण शामिल हैं।
अल्पाइन परीक्षण के अलावा, नवीन ऊर्जा वाहनों को उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता और उच्च ऊंचाई जैसे अत्यधिक पर्यावरण परीक्षण भी पास करना होगा। चीनी ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान ने हाल में नवीन ऊर्जा वाहनों के लिए जटिल और चरम पर्यावरण मूल्यांकन प्रणाली स्थापित की।
विशेषज्ञों ने कहा कि अब चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 109 राष्ट्रीय मानक प्रचलित हैं। आने वाले समय में बुद्धिमान नवीन ऊर्जा वाहनों के लिए जटिल और चरम पर्यावरण मूल्यांकन प्रणाली परिपक्व होने के बाद कुछ परीक्षण मानक राष्ट्रीय मानक व्यवस्था के पूरक बन सकेंगे।